कोरोना की दूसरी लहर और प्रतिबंधों में छूट के बाद लोग छुट्टियां और गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ी इलाकों की ओर जाते दिख रहे हैं. मसूरी, मनाली, नैनीताल में सैलानियों का तांता लगा दिख रहा है. ऐसे में मसूरी के प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सैलानियों के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है.
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में धीमी के बाद ज्यादातर सभी राज्यों को प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया गया है. वहीं लोग छुट्टियां और गर्मी से राहत पाने के लिए हिल स्टेशन पर निकलते दिखाई दे रहे हैं. बीते दिनों मसूरी, नैनीताल, मनाली की कई तस्वीरें सामने आयी हैं जहां सैलानी कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए दिखाई पड़े.
कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा
एक ओर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तनाव बना हुआ है वहीं, लोग बेपरवाह और लापरवाही बरत कर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रखे हिल स्टेश्नस पर घूमते दिखाई दे रहे हैं. बता दें, हालहि में एक तस्वीर मसूरी के कैम्पटी फॉल की वायरल हुई है जहां लोग कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए साफ दिखाई दिए. ऐसे में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए मसूरी में प्रवेश करने वाले सभी सैलानियों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है.
रिपोर्ट ना दिखाने पर वापस भेज दिया जाएगा
ये साफ है कि मैदानी इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोग पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं. मसूरी में सैलानियों की संख्या बेहद बढ़ रही है साथ ही लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने सख्ती बनाने का फैसला लिया है और ये साफ कर दिया है कि अब मसूरी में प्रवेश करने वाले सभी सैलानियों के पास कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए और अगर सैलानियों के पास रिपोर्ट नहीं हुई तो उन्हें मसूरी के कोल्हूखेत से ही वापस भेज दिया जाएगा. मसूरी के पुलिस अधिकारी नरेंद्र पंत के मुताबिक, जिन सैलानियों के पास ऑनलाइन होटल बुकिंग और कोरोना जांच रिपोर्ट होगी केवल उन्हें ही जाने की इजाजत दी जाएगी.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों द्वारा कोविड-19 के नियमों का पालन न करने पर चिंता जताते हुए गुरुवार को कहा था कि लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और एक छोटी सी गलती के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं जिससे महामारी से लड़ाई कमजोर पड़ सकती है.